महोगनी वृक्ष
महोगनी एक तरह का पर्णपाती वृक्ष है और दक्षिण अमेरिका और डोमिनिकन गणराज्य का राष्ट्रीय वृक्ष है.
यह अफ्रीका और अमेरिका में पाया जाने वाला पौधा हे जिसकी लकड़ियों से लेकर पत्तियां और फल सभी की देश और दुनिआ में भारी मांग है।
महोगनी की ऊंचाई लगभग 50~70 फिट तक होती है और इसकी मोटाई 2 से 2.5 फिट तक होती है। वृक्ष परिपक्वता समय 10 से 12 वर्ष है!






इसके महत्त्व को देखते हुवे अमरीका में 1990 में महोगनी के निर्यात पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था।
अमेरिका के इस प्रतिबन्ध के बाद भारत, बांग्लादेश, इण्डोनेशिआ जैसे देशों में महोगनी की खेती की जाने लगी।
महोगनी का उपयोग
हमारे वेदों में महोगनी को महागुणी के नाम से भी जानते है। महागुणी नाम इसलिए क्यों की इसके गुणों की कोई संख्या नहीं है। महोगनी से मिलने वाली बेशकीमती लकड़ी न टूटती है न सड़ती है ।
महोगनी की लकड़ी मजबूत और काफी लंबे समय तक उपयोग में लाई जाने वाली लकड़ी होती है. यह लकड़ी लाल और भूरे रंग की होती है. इस पर पानी का कोई असर नहीं होता है. महोगनी लकड़ी का उपयोग महंगे फर्नीचर, नाव, पानी के बड़े बड़े जहाज, बन्दुक , खेल का सामान, भूकंप रोधी मकान और महंगे नकाशीदार खिलोने बनाने में किया जाता है।
महोगनी पत्तियों का उपयोग:
इसके पत्तों का उपयोग मुख्य रूप से रक्तचाप, कैंसर, अस्थमा और मधुमेह सहित कई प्रकार के रोगों में होता है. महोगनी की पत्तियों से मच्छर दूर भागते है। इसी गुण से इसकी पत्तियों से विभिन्न मच्चर भागने वाले तेल और mosquito coil बनाने में उपयोग किया जाता है। महोगनी के पत्तों को वायरल फीवर में खाया जाए तो यह फीवर को ख़त्म कर देता है।
महोगनी पत्तियों का उपयोग कीटनाशक बनाने में और खाद बनाने में किया जाता है।
महोगनी के फल का उपयोग:
महोगनी के फल एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते है, ये नाशपाती के आकार के होते है। यह फल आम तौर पर मार्च महीने के आसपास आते है। देखने में ये हलके भूरे रंग के चीकू जैसे होते है। यह फल कैप्सूल के आकर के बीजों से भरे होते है। इस फलों को सीधे तौर पे खाया नहीं जाता मगर महोगिनी के फलों का उपयोग औषधि बनाने में किया जाता है।
यह फल मुक्तकणों से लड़ना, रक्त परवाह में वसा को कम करना, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करना, और प्रतिरक्षा प्रणाली में वृद्धि करना जैसा कार्य करते है। 5 साल में एक बार इसके फल अप्रैल- जून में लगते है। इसके बीज का उपयोग भी कई प्रकार की औषधि बनाने में किया जाता है।
प्रति एकड़ वृक्षारोपण गणना:
1 एकड़ में अगर महोगनी के पेड़ लगाया जाये तो 6-8 फुट के अंतर पर इसे लगा सकते है। इस हिसाब से 1 एकड़ में इस 680-1210 पौधे लगा सकते है।
सबसे अच्छी बात यह है कि आप अपने मुख्य खेत को प्रभावित किए बिना अपने खेत की सीमा पर वृक्षारोपण कर सकते हैं।
अनुकुल मिट्टी और जलवायु;
महोगनी के पौधे को बर्फीले प्रदेश को छोड़कर सभी प्रकार की मिट्टी में बिना किसी परेशानी के बढ़ता है। महोगनी के पौधे को यदि लगाना हो तब 1-2 साल तक ही इसको देख भाल की ज़रूरत होती है।
किसी भी प्रकार की मिट्टी में आसानी से विकास कर लेता है। लेकिन पौधों के लिए जलभराव हानिकारक हो सकता है! जब तक कि यह अपनी जड़ें जमीन से पकड़ ना लें तब तक मिटटी में नमी बरक़रार रखने की ज़रूरत होती है।
आय गणना:
एक परिपक्व पेड़ (10-12 साल बाद) आपको 25,000 से 40,000 रुपये का कुल मूल्य दे सकता है। यदि आपने 1000 पौधे लगाए तो कुल कमाई कम से कम 2.5 करोड़ हो सकती है, और यदि आप अच्छा खरीदार ढूंढ़ते हैं तो आपको इसका मूल्य और अधिक मिल सकता है।
इसके अलावा, प्रत्येक पेड़ प्रत्येक 5 साल के बाद 5 किलो बीज देता है, 1000 पेड़ 5000 किलो बीज देगा, बीज की वर्तमान बाजार दर 800 ~ 1200 रुपये प्रति किलो है, न्यूनतम मूल्य 4 लाख (5 वें वर्ष पर) होगा। समान मात्रा और समान मूल्य 10 वें वर्ष में भी पाया जा सकता है।
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