हम आपको पिंक ताइवान अमरूद के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि भारत में बहुत ही लोकप्रिय हो रहा है और यह किसानों का कमाने का अच्छा जरिया भी बन रहा है इस की खेती करके किसान अच्छी उपाधि प्राप्त कर सकते हैं और अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।



यह वैरायटी अपने ज्यादा उपज और अच्छे स्वाद के लिए जानी जाती है
पिंक ताइवान अमरूद एक बारहमासी होती है जो लगभग 1 साल में तीन बार तक फल देती है , हम यह भी कह सकते हैं कि लगभग साल भर ही इसमें रहते हैं। एक पेड़ में 1 साल में लगभग 20 से 25 किलो फल होते हैं यदि आप एक एकड़ में इसकी खेती करना चाहें तो लगभग 1000 पौधा लगा सकते हैं, यह हाई डेंसिटी में भी(कम दूरी पर भी) लगाया जा सकता है।
इसमें 1 फुट की ऊंचाई पर ही फल आने लगते हैं और फल का बजन लगभग 400 ग्राम से लेकर 1200 ग्राम तक जा सकता है भाग इसका पिंक कलर का होता है, जोकि बहुत सॉफ्ट होता है वह खाने में बड़ा ही स्वादिष्ट होता है। यह पौधा लगभग 7 महीने के बाद ही फल देने लगता है।
उपयुक्त मिट्टी
इस पौधे के लिए उपयुक्त पीएच मान 4.5 से 7.0 तक उचित होता है इस तरह से हम देख सकते हैं कि लगभग सभी प्रकार की मृदा ओं में यह अच्छी तरह से लगाया जा सकता है ।। फिर भी उचित होगा कि किसान अपने मिट्टी टेस्ट कराएं और अपने भूमि का पीएच मान ज्ञात करें, यदि पीएच मान को कम या ज्यादा करना है तो उसके हिसाब से मिट्टी को उपचार किया जा सके।
खेत की तैयारी
रोपण से पहले 40x40x40 सेमी या 60x60x60 सेमी 1 से 2 महीने के किनारे रोपण के लिए गड्ढे तैयार करना चाहिए, प्रत्येक गड्ढे में 5 से 10 किलोग्राम जैविक खाद, मिट्टी के साथ गड्ढों में जमीन के स्तर तक पौधे लगाते समय भर देना चाहिए। देते समय उचित होगा कि अच्छी क्वालिटी का प्लांट ग्रोथ प्रमोटर भी उस में डाल दिया जाए जिससे पौधे की ग्रोथ फास्ट होगी।
देख रेख
हालांकि इसमें फल तो सात आठ महीने के लगभग से आना शुरू हो जाते हैं लेकिन फिर भी सलाह दी जाती है कि लगभग 12 महीने तक इसकी फसल ना लेकर इसके पौधे के विकास पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए और समय रहते हुए कटिंग करते रहना चाहिए पौधे की हाइट को ज्यादा ना बढ़ाते हुए पौधे को गोलाई में बढ़ाने के लिए के हिसाब से कटिंग करनी चाहिए। इसके अलावा यदि ज्यादा मात्रा में फल लगते हो तो उनको तोड़ कर अलग हटा देना चाहिए ताकि डालियों पर ज्यादा दबाव वजन ना हो ।
कीट प्रबंधन
एक कठोर पौधा हार्ड प्लांट होता है , इसमें कीट कम ही लगते हैं, लेकिन शुरुआती अवस्था में कुछ आप बायोफंगींसाइड का उपयोग कर सकते हैं बाकी 1 साल के बाद किसी तरह के रोग नहीं लगते ! इसके लिए आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं होती है।। फिर भी यदि किसी तरह का कीट प्रकोप आपको नजर आए तो विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
आर्थिक गणना।
1 साल बाद एक पौधे से कम से कम 20 किलो से 30 किलो के बीच उपज प्राप्त की जा सकती है मान लें कि 1000 पौधे आपने अपने खेत में लगाए हैं तो टोटल उत्पादन हुआ 20,000 Kg ,अब मिनिमम 30 / प्रति किलो भी मान लिया जाए तो एक सीजन में लगभग 6,00,000 रुपए का शुद्ध मुनाफा होता है और यदि 1 साल की बात करें तो यह 10,00,000 से 12,000,00 तक हो सकता है।
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